इंजीनियर्स के एक परिवार में जन्मी श्रीमती सुमिति प्रारंभ से ही एक मेघावी छात्रा थी और कम उम्र में ही इनका झुकाव इंजीनियरिंग की ओर हो गया था | पिताजी ने हमेशा पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इन्हें प्रेरित कियाउनका मानना है कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जो आप दुनिया को बदलने के लिए प्रयोग कर सकते हो | इनकी माताजी जो कि परिवार का आधार स्तंभ है ने हमेशा इनको ईमानदारी, आजादी, सम्मान, समानता , दुसरो के प्रति संवेदनशीलता और मानवीय मूल्यों से आत्मसात कराया | सुमिति ने एम बी एम इंजीनियरिंग कॉलेज, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक किया |आर पी एस सी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इनका चयन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में सहायक अभियंता के पद पर हुआ | यहाँ लगभग दो साल तक विभाग मे मन लगाकर काम किया लेकिन तकनीक के लिए इनका जुनून मन के भीतर फूट पड़ा और इन्होने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया|
एक विदेश यात्रा के दौरान अमेरिका में विचार आया कि विकसित देशों मे जब गरीब और आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चे विशेषाधिकार के तहत स्कूल जा रहे और शिक्षा प्राप्त कर रहे है, लेकिन ऐसा भारत में नहीं ? इस बात ने सुमिति को काफी प्रभावित किया और प्रथम शिक्षा शुरू करने के लिए इन्होने दृड़ संकल्प लिया |
प्रथम शिक्षा की नीव घर के एक हिस्से “गैराज” में रखी गई , धीरे-धीरे एक नन्हा पौधा पेड़ बना | गैराज से शुरू हुआ स्कूल, अब आठवी तक सरकारी मान्यता प्राप्त एवं अन्य सुविधाओं के साथ एक विकसित स्कूल बन चूका है | अब सम्पूर्ण विद्यालय के छात्रों के लिए वाहन की सुविधा के साथ –साथ कंप्यूटर लैब भी विद्यालय के आकर्षण का केंद्र है | श्रीमती सुमिति के अनुसार अब तक यहाँ 2500से अधिक छात्रों को शिक्षित किया गया है और आगामी सत्र में स्कूल का विस्तार 10 वीं कक्षा तक करने का लक्ष्य रखा गया है | स्कूल में लड़के ,लडकियों उनकी माँ, बहनों और भाइयो के लिए कई व्यावसायिक पाठ्यक्रम जैसे बिजली मिस्त्री , पाइपलाइन और सिलाई कड़ाई चलाये जा रहे है | ये पाठ्यक्रम बच्चो के जीवन कौशल को आगे बडाने,खुद के लिए एक आजीविका कमाने में सहायक होंगे यह अभियान हमारे “स्किल इंडिया मिशन” का भी हिस्सा है |
जयपुर शहर , अच्छी तरह से अपने गहने और कालीन उद्योग के लिए जाना जाता है और बाल श्रम के लिए भारी मांग भी पैदा करता है। बच्चों को उनके परिवारों के लिए एक आजीविका कमाने के लिए इन उद्योगों से होने वाली अपनी छोटी सी आय से बड़ा लालच है । लड़के हेल्पर के रूप में अपने माता पिता की मदद करते है या खुद के लिए एक अलग नौकरी की तलाश करते है - दूसरी तरफ लड़कियों की कम उम्र में शादी कर दी जाती है या उन्हें दैनिक घर के काम-काज में माँ की मदद करनी पड़ती है | वे अन्य लोगों के घरों में काम करती है और घर पर छोटे भाई- बहन का ख्याल रखती है । इन जिम्मेदारियों के साथ , अध्ययन और कुछ पाने की प्रेरणा वे आधे रास्ते में ही भूल जाती है और कई बार वे बुनियादी योग्यता जो स्कूल में सीखी है उसको भी भूल जाती है | यही एक मुख्य कारण है जिसकी वजह से लड़के और लडकियों को प्राइमरी स्कूल के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ती है , इन्ही बातों को ध्यान में रखकर प्रथम शिक्षा ने फ्लेक्सी टाइम कक्षाएं शुरू की है | यह एक अग्रणी अभ्यास है जो छात्रों को मिली नौकरी और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों के साथ अपनी शिक्षा जारी रखने में मदद करता है | इसके अलावा प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू की गई है जो कम उम्र से ही स्कूल के वातावरण के अनुसार बच्चो को ढालने का प्रयास कर रही है |
फ्लेक्सी टाइम कक्षाएंलगाने से कई छात्रों को लाभ हुआ है | उदाहरण के लिए, कुछ छात्र दिन के दौरान सड़कों पर खाने की ठेला गाड़ी लगाते है और दौपहर मे खाली समय के दौरान अध्ययन करते हैं। स्कूल भी उनको आगे की पढ़ाई जारी रखने में मदद करता है और वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है |
अकादमी स्कूल लंदन और प्रथम शिक्षा जयपुर दोनों दोस्त हैं और वैश्विक पर्यावरण के लिए अपने विचार एक दूसरे को शेयर कर रहे हैं । श्रीमती सुमिति भी हर साल लंदन यात्रा के दौरान अकादमी स्कूल में छात्रों के लिए “बुनियादी परिचयात्मक”विषय पर सेशन लेती है |
सामाजिक विकास में योगदान के लिए के लिए प्रथम शिक्षा को एनजीओ श्रेणीके तहत - मान्यता दी गई है और उत्कृष्टता कार्य के लिए “ मेक इन इंडिया 2015 “ पुरस्कार से भी नवाज़ा गया है ।
सुमिति मित्तल ने रोबो गैलेक्सी की भी स्थापना की है यह एकएक ई - लर्निंग पोर्टल और रोबोट प्रयोगशाला है जो कक्षा 3 से कक्षा 10 तक के बच्चो के लिए है | इसके अलावा श्रीमती मित्तल प्रथम सॉफ्टवेयर की सह संस्थापक और निर्देशक है , प्रथम सॉफ्टवेयर एक जयपुर आधारित ग्लोबल आईटी सर्विस कंपनी है जो सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, आईटी कन्सलटिंग ,आईटी परामर्श और आउटसोर्सिंके का काम करती है ।
उन्होंने “वी-टेकनॉश” को स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है , यह ग्लोबल आईटी ट्रेनिंग सर्विस कम्पनी है और सॉफ्टवेयर ट्रेनिंग और डेवलपमेंट पर काफी ध्यान देती है । वी- टेकनॉश अपने विशेषज्ञ प्रशिक्षकों के माध्यम से एक ऐसा वास्तविक अनुभव प्रदान करती है जो हमारे लिए बहुत जरुरी है ।
सुमिति सक्रिय रूप से उद्योग - शिक्षा संस्थानों और जयपुर के विभिन्न कॉलेजों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेती है एवंकॉर्पोरेट संस्कृति और आईटी उद्योग में उभरते रुझान के बारे में छात्रों के बात करती है | वह अंतर्राष्ट्रीय रोबोटिक्स सम्मेलन मेव्याख्यान दे चुकी है जो 2014 में रूस मे हुआ था |
व्यापक रूप से एक प्रख्यात वक्ता के तौर पर वह कई सामाजिक मंच को सम्बोधित कर चुकी है | वह “मेंटरिंग वाक ग्रुप ” से भी जुडी हुई है और चर्चाके माध्यम से उनकी निजी और प्रोफेशनलजीवन में आनेवालीपरेशानीयोंको दूर करने में मदद करती है | वह फिक्की महिला संगठन( एफएलओ ), जयपुर चैप्टरकोभी अपनी सेवाए दे चुकी है |
श्रीमती सुमिति मित्तल को सामाजिक,महिला व बाल शिक्षा, तकनिकी विस्तार में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए विभिन्न पुरुस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है |
1) महिला एवं बाल विभाग द्वारा भारत की टॉप100 महिलाओं में चुनना |
2) 22 जनवरी2016 को राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में सम्मानित और दोपहर के भोजन पर आमंत्रित |
३) सामाजिक विकास में योगदान के लिए के लिए प्रथम शिक्षा को एनजीओ श्रेणीके तहत - मान्यता दी गई और उत्कृष्टता कार्य के लिए गुजरात के राज्पाल श्री कलराज मिश्र द्वारा सम्मानित किया गया
4) राजस्थान की शीर्ष 100 सफल महिलाओं में शामिल, एनजीओ “तम्मना” द्वारा “ तमन्ना उड़ान की ” अवार्ड से सम्मानित |
5) समाज के प्रति इनके उत्कृष्ट योगदान के लिए महिला दिवस पर महापौर ज्योति खंडेलवाल द्वारा सम्मानित |
6) राजस्थान युवा छात्र संस्थान और नेहरू युवा केन्द्र द्वारा " विवेकानंद सम्मान " से सम्मानित।
Website URL: www.prathamshiksha.org/
You Tube Video URL: https://www.youtube.com/watch?v=ssGM0vB5LdA
Nomination Video URL:https://www.facebook.com/video.php?v=10153682455995337&pnref=story
I wish her all success in her plan to spread education among under privilege class
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