Astrologer Sangita puri
मैं, संगीता पुरी , अपने पिता श्री विद्या सागर महथा जी के द्वारा विकसित की गई ज्योतिष की नवीनतम वैज्ञानिक शाखा ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ के रिसर्च के जन-जन तक प्रचार प्रसार के लिए 30 वर्षों से निरंतर काम कर रही हूं , जिससे लोगों के जीवन शैली को सुधारकर बेहतर समाज की स्थापना की जा सकती है।
Basics in Astrology
1. विषयवस्तु में प्रवेश .... प्राचीन काल से ही लोग भूत के अनुभवों और वर्तमान की वास्तविकताओ के साथ भविष्य का भी पूर्वानुमान लगाकर काम करते आ रहे हैं। आसमान से उन्हें कुछ देर बाद होने वाले सूर्योदय और सूर्यास्त , ऋतु परिवर्तन , अमावस और पूर्णिमा जैसी बहुत सारी सूचनाएं मिलती थीं, आसमान में फैले धूल तूफान और धुआं आग के फैलने की जानकारी देते थे। कालांतर में आसमान के ग्रहों नक्षत्रो के पृथ्वी पर पडनेवाले प्रभाव को देखते हुए ज्योतिष का विकास किया गया। वास्तव में, हर घटना का ग्रहों से तालमेल होता है, इसमें शोध की असीमित संभावनाएं हैं।
Limitations in Astrology
2. ‘ज्योतिष’ के विकास में आयी बाधाएं .... पर कुछ गणितज्ञ अपने गणित की गति से , कुछ जादूगर अपने जादू से , कुछ तांत्रिक अपने तंत्र मंत्र से, कुछ कर्मकांडी अचूक कर्मकांडों से लोगों को भ्रमित कर ज्योतिष के क्षेत्र में भी अपना सिक्का चलाना चाहते हैं। इसके अलावे सदियों से चले आ रहे जन किंवदंतियों को भी ज्योतिष में जोड दिया गया है। सबका घालमेल होने से ही लोगों को यह ज्ञात नहीं हो पाता कि ज्योतिष भविष्य के बारे में अनुमान में और समय समय पर निर्णय लेने में उनकी बहुत मदद कर सकता है।
Latest research in Astrology
3. ज्योतिष के क्षेत्र में नई खोज और इसकी चर्चा परिचर्चा .... 3. ज्योतिष के क्षेत्र में नई खोज और इसकी चर्चा परिचर्चा .... मेरे पिताजी श्री विद्या सागर महथा जी ने ज्योतिष के क्षेत्र में अपने रिसर्च के बाद इससे जुडे अंधविश्वास को दूर और इसके विज्ञान को विकसित करते हुए ज्योतिष की एक नई शाखा ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ को जन्म दिया है, जो किसी के जन्म विवरण मात्र से उसके पूरे जीवन के परिस्थितियों के उतार चढाव का ग्राफ खींचकर उसके बारे में सटीक भविष्यवाणियां कर सकता है। मैने दिल्ली से प्रकाशित होनेवाली पत्रिका ‘बाबाजी’ के 1994-1995-1996 के विभिन्न अंकों में तथा ज्योतिष धाम के कई अंकों में , पुस्तक ‘गत्यात्मक दशा पद्धति: ग्रहों का प्रभाव’ में ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ की चर्चा की है।
Life-graph in Astrology
Programs in Astrology
4. सामाजिक कार्यक्रम ... इस रहस्य के उजागर होने के बाद मैने अपने ब्लोग में ज्योतिष में मौजूद अंधविश्वासों को तर्क की कसौटी पर कसा, जिनसे पाठकों का ज्ञानवर्द्धन हुआ और मंगला-मंगली, राहू-केतु , कालसर्प-योग, राशिफल , सूर्य या चंद्रग्रहण के दोष आदि का भय और भ्रम समाप्त हुआ। ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ के सूत्र किसी के जन्मकालीन ग्रहों की शक्ति निकालकर उसके जीवन के उतार चढाव का ग्राफ खींच देते हैं, जिसके हिसाब से कभी परिस्थितियां हमारे नियंत्रण में होती हैं तो कभी हम परिस्थितियों के नियंत्रण में। इन्हीं सिद्धांतों का सहारा लेकर उचित ज्योतिषीय परामर्श देकर हजारों लोगों को भटकने से बचा सकी हूं । लाखों लोगों ने मेरे ब्लॉग को पढा है, प्रतिदिन जीवन से निराश लोगों के फोन और पत्र आते हैं, उनकी जन्मकुंडली के हिसाब से उन्हें उचित परामर्श देकर उनके जीवन में खुशहाली लाती हूं। अन्य ज्योतिषियों की तरह पूजा पाठ या किसी प्रकार के रत्न धारण करवाने की सलाह देकर उनका कीमती समय और पैसे नष्ट नहीं होने देती। उनके समय के अच्छे और बुरे होने की जानकारी देकर तदनुरूप कार्यक्रम बनाकर उन्हें जीवन जीने में मदद करती हूं।
Women and child department for Astrology
Change in Life-style by Astrology
5. ‘गत्यात्मक ज्योतिष’ से समाज को मिलने वाला लाभ ... अंधेरे में चलनेवाले लगभग सभी राहगीर अपने गंतब्य पर पहुंच जाते हैं। बिना घड़ी पहने परीक्षार्थी परीक्षा दे सकते हैं। बिना कैलेण्डर के लोग वर्ष पूरा कर लेते हैं। किन्तु टॉर्च, घड़ी और कैलेण्डर के साथ चलनेवाले लोगों को यह अहसास हो सकता है कि उनका रास्ता कितना आसान रहा। गत्यात्मक दशा पद्धति संपूर्ण जीवन के तस्वीर को इसी तरह स्पष्ट कर लोगों की मदद करता आ रहा है।
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8. पुस्तक .. ‘गत्यात्मक दशा पद्धति : ग्रहों का प्रभाव